अभिषेक और हेमचंद्र के लिए देवदूत बने विधायक सेन, सेक्टर-9 बर्न यूनिट में चल रहा उपचार

भिलाई । दीपावली और गोवर्धन पूजा की खुशियां दो मासूम बच्चों के लिए दर्द बनकर आईं, लेकिन वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन उनके लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आए। दीपावली की रात पटाखों से झुलसे दुर्ग के अभिषेक यादव (9 वर्ष) और खमरिया निवासी हेमचंद्र महार (7 वर्ष) के बेहतर इलाज की पूरी जिम्मेदारी विधायक सेन ने स्वयं ली है। दोनों बच्चों को भिलाई के सेक्टर-9 अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया है, जहां विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम उनका इलाज कर रही है।
अभिषेक के लिए पहल: बिहार में रहते हुए की व्यवस्था
दीपक नगर दुर्ग निवासी अभिषेक दीपावली की रात पटाखा जलाते समय झुलस गया था। अभिषेक के पिता कचरा बीनकर और मां घरों में झाड़ू-पोछा कर परिवार का गुज़ारा करती हैं। आर्थिक तंगी के कारण वे अच्छे इलाज का खर्च नहीं उठा पा रहे थे। जैसे ही विधायक रिकेश सेन को घटना की जानकारी मिली, उन्होंने बिहार में चुनावी व्यस्तता के बीच ही वरिष्ठ चिकित्सकों से बात कर अभिषेक को सेक्टर-9 अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती कराने की व्यवस्था की।
सेन ने न केवल अस्पताल में एडमिशन की पहल की, बल्कि बालक के इलाज का पूरा खर्च स्वयं उठाने की जिम्मेदारी भी ली। वर्तमान में अभिषेक का चेहरा और दोनों हाथ गंभीर रूप से झुलसे हैं, जिनका इलाज विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम कर रही है।
हेमचंद्र को भी मिली मदद: फोन पर पिता से बात कर दी सहायता
अभिषेक के इलाज की खबर देखकर खमरिया निवासी चरणदास महार ने भी अपने बेटे हेमचंद्र के इलाज के लिए विधायक से मदद की गुहार लगाई। गोवर्धन पूजा के दिन अनार फूटने से हेमचंद्र बुरी तरह झुलस गया था। चरणदास और उनकी पत्नी रागिनी सब्जी बेचकर जीवन यापन करते हैं।
विधायक सेन ने फोन पर बात करते हुए तुरंत कार्रवाई की और सेक्टर-9 बर्न यूनिट में भर्ती की व्यवस्था कराई। उन्होंने डॉक्टरों से फोन पर बात कर निर्देश दिया कि हेमचंद्र के इलाज में किसी भी तरह की आर्थिक अड़चन नहीं आने दी जाएगी।
सेन ने कहा, “दोनों बच्चे हमारे परिवार जैसे हैं। इलाज का पूरा खर्च मैं वहन करूंगा। उनकी मुस्कान लौटे, यही मेरी जिम्मेदारी है।”
सेक्टर-9 बना उम्मीद का केंद्र
विधायक सेन ने बताया कि भिलाई इस्पात संयंत्र के सेक्टर-9 अस्पताल में छत्तीसगढ़ का पहला स्किन बैंक और कैडेवरिक टिश्यू ट्रांसप्लांट यूनिट शुरू की गई है। इस आधुनिक सुविधा से गंभीर रूप से झुलसे मरीजों को नया जीवन मिल रहा है।
फिलहाल दोनों बच्चों का इलाज सेक्टर-9 अस्पताल में जारी है। डॉक्टरों का कहना है कि स्थिति धीरे-धीरे स्थिर हो रही है और जल्द ही दोनों पूरी तरह स्वस्थ होकर घर लौटेंगे।
