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छत्तीसगढ़

हाईकोर्ट ने खारिज की चैतन्य बघेल की याचिका, ईडी की गिरफ्तारी बरकरार

बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को बड़ी राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अदालत ने 24 सितंबर को फैसला सुरक्षित रखा था, जो शुक्रवार को सुनाया गया।

याचिका में चैतन्य बघेल की ओर से कहा गया था कि ईडी की कार्रवाई असंवैधानिक और नियम विरुद्ध है, लेकिन कोर्ट ने ईडी की प्रक्रिया को कानूनसम्मत माना और गिरफ्तारी को वैध ठहराया।

गौरतलब है कि ईडी ने 18 जुलाई को चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन के दिन भिलाई स्थित निवास से गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की गई थी। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में हुई थी।

ईडी की जांच में सामने आया कि इस घोटाले से राज्य को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ और करीब ₹2,500 करोड़ की अवैध कमाई विभिन्न लाभार्थियों तक पहुंचाई गई। एजेंसी के मुताबिक, चैतन्य बघेल को इस घोटाले से ₹16.70 करोड़ मिले, जिन्हें उन्होंने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश किया।

जांच में यह भी पाया गया कि चैतन्य बघेल ने व्यवसायी त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर धनशोधन की योजना बनाई थी। आरोप है कि उन्होंने विठ्ठलपुरम प्रोजेक्ट में फर्जी फ्लैट खरीद दिखाकर ₹5 करोड़ की नकदी प्राप्त की। ईडी के अनुसार, बैंकिंग ट्रेल इस बात की पुष्टि करता है कि लेन-देन की अवधि में ढिल्लों को शराब सिंडिकेट से भुगतान मिला था।

हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब चैतन्य बघेल की कानूनी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

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