डिप्टी सीएम शर्मा पहुंचे ग्राम नंबी, सड़क निर्माण का किया भूमिपूजन

रायपुर . उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा आज बीजापुर जिले के अत्यंत सुदूर वनांचल में बसे ग्राम नंबी पहुंचे। यहां उन्होंने ग्रामीणों के साथ जनचौपाल लगाकर सीधे संवाद किया। उन्होंने शासन की योजनाओं जैसे महतारी वंदन योजना, धान खरीदी, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आदि के बारे में जानकारी देते हुए ग्रामीणों को इन योजनाओं का लाभ लेने हेतु प्रेरित किया। उन्होंने अधिकारियों को युवाओं को सीएससी सेंटर संचालन के लिए प्रशिक्षण दिलाने और किसानों के विशेष शिविर आयोजित कर ग्रामीणों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने ग्रामीणों की मांग अनुरूप नंबी गांव में 20 लाख रुपए की लागत से सामुदायिक भवन निर्माण की स्वीकृति भी प्रदान की।
उन्होंने यहां नंबी चौक से नंबी जलप्रपात पर्यटन स्थल तक 94.48 लाख रुपये की लागत से बनने वाली डब्ल्यूबीएम सड़क का भूमिपूजन किया। यह सड़क गांव से नंबी जलप्रपात तक सीधे जाएगी। जिससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। उन्होंने मोटर सायकिल पर सवार होकर सड़क का भी निरीक्षण किया।
उन्होंने नंबी जलधारा पर्यटन समिति के द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर किये जा रहे कार्यों की सराहना की। इस अवसर पर नंबी जलधारा समिति के अध्यक्ष श्री गजेंद्र ने बताया कि स्थानीय ग्राम के 24 युवा सदस्यों द्वारा नंबी जलप्रपात का संचालन एवं देखरेख किया जा रहा है। पिछले चार महीनों में जलप्रपात को देखने 20 हजार से अधिक पर्यटक आये हैं। जिससे समिति के युवाओं को चार लाख रुपए से अधिक की आमदनी हुई है। यहां ना सिर्फ राज्य के स्थानीय पर्यटक अपितु जर्मनी एवं अन्य देशों से भी विदेशी पर्यटक भी अब पहुंच रहे हैं। उपमुख्यमंत्री ने समिति के प्रयासों की सराहना करते हुए युवाओं को प्रोत्साहित किया।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि बस्तर अब एक नई दिशा में बढ़ रहा है, जहां पर्यटन क्षेत्र के विकास के द्वारा कभी नक्सल आतंक से पीड़ित गांव अब पर्यटन हब के रूप में विकसित हो रहा है। उन्होंने कहा कि दो वर्ष पूर्व नंबी में सुरक्षा कैंप स्थापित हुआ। जिसके बाद से अब तक गांव में बिजली, पानी और स्कूल जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंच चुकी हैं। बीजापुर अब विकास की राह पर अग्रसर है। सरकार की पुनर्वास नीति के चलते बड़ी संख्या में लोग हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौट रहे हैं। वह दिन दूर नहीं जब बस्तर पूरी तरह हिंसा मुक्त होगा।
